Love Shayari

अपनी कलम से लिखूं वो लफ़्ज़ हो तुम, अपने दिमाग से सोच लूँ वो ख्याल हो तुम, अपनी दुआओ
में मांग लूँ वो मन्नत हो तुम, और जिसे हम अपने दिल में रखते हैं वो चाहत हो तुम।
भंवर से निकल कर एक किनारा मिला है, जीने को फिर एक सहारा मिला है, बहुत कश्मकश में थी
ये जिंदगी मेरी, अब इस जिंदगी में साथ तुम्हारा मिला है।
नज़रो को तेरे प्यार से इंकार नही है, अब मुझे किसी और का इंतज़ार नही है, मैं खामोश हूँ तो वो वजूद है मेरा, लेकिन तुम ये न समझना मुझे तुमसे प्यार नही है।
क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है, एक दिन का भी इंतज़ार दुष्वार हो जाता है, अपने भी लगने लगते हैं पराये, जब एक अजनबी पर एतवार हो जाता है।
दिल पर आये इल्ज़ाम से पहचानते हैं, अब लोग तो मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं।